लखनऊ को बाबा ने बाढ़ से बचाया था-हनुमान मंदिर में बाबा नीव करौरी आज भी विराजमान है


हनुमान सेतु मंदिर गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि 70 के दशक का इतिहास उठाकर यदि हम पढ़ेंगे तो मालूम होगा कि तब लखनऊ में बड़ी भयंकर बाढ़ आई थी. गोमती नदी में इतना सैलाब था कि वह सब कुछ बहा ले गयी थी किन्तु तब के इस मंदिर में हनुमान की प्रतिमा को वह जल हिला नहीं पाया था. बाबा नीव करौरी ने यहाँ आकर बाढ़ को अपने आशीर्वाद से शांत कराया था.


बाढ़ जब चली गयी तो प्रशासन ने गोमती मंदिर पर पुल बनाने के कई असफल प्रयास किये थे.


जब भी नदी पर पुल बनाया जाता था तो वह किसी ना किसी कारण से गिर जाता था. अंत में हारकर पुल बनाने वाले कुछ अधिकारी नीव करौरी बाबा के पास गये थे और तब बाबा ने अधिकारीयों को बोला था कि हनुमान ने तो राम कृपा से समुद्र पुल का भी निर्माण करा दिया था. आप सभी बस यह प्रण लो कि पुल बनने के बाद हनुमान बाबा का मंदिर निर्माण करा देंगे.


इसके बाद पुल भी बना और बाद में अधिकारीयों ने हनुमान भगवान का यह मंदिर भी बनवाया था.


यही कारण है कि इस मंदिर का नाम हनुमान सेतु मंदिर पड़ा है. हनुमान सेतु मंदिर में जो भी भक्त आता है वह मंदिर में ही हनुमान के दर्शन किसी ना किसी रूप में जरुर कर लेता है. हनुमान भगवान पिछले कुछ 45 सालों से यहाँ आने वाले हर भक्त की जायज मांग पूरी कर रहे हैं और यही हनुमान भगवान का चमत्कार है जो निरंतर होता आ रहा है.


हनुमान सेतु मंदिर के बारें में यह भी बोला जाता है कि इस हनुमान मंदिर में बाबा नीव करौरी आज भी विराजमान है और समय-समय पर वह अपने होने का अहसास भक्तों को करा देते हैं.


तो अब अगर आपकी भी कोई समस्या है जिसका निदान नहीं हो रहा है तो आप अपनी अर्जी को लिखकर बाबा तक जरुर ला सकते हैं.