नई दिल्ली: कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की प्रेस कांफ्रेंस के कुछ ही देर बाद पत्रकार वार्ता आयोजित करके रवि शंकर ने सारे घटनाक्रम पर पार्टी का पक्ष रक्षा। उन्होंने उल्टा शिवसेना पर ही 25 सालों पुराने संबंध और दोस्ती को तोड़ने का आरोप लगाते हुए अपने कदम को जायज ठहराया।केंद्र सरकार मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रवि शंकर ने महाराष्ट्र में हुए भारी उलटफेर की सफाई पेश करते हुए सारे फसाद का ठीकरा शिवसेना के सिर पर ही फोड़ दिया। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र की जनता ने देवेंद्र फणनवीस के नाम पर ही शिवसेना और भाजपा को वोट दिया था। 150 में से 70 सीटें जीतने में सफल रही थी। मगर ऐन मौके पर शिवसेना ने सत्ता के लालच में भाजपा को धोखा देकर एनसीपी की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया। रवि शंकर ने दावा किया कि शिवसेना की जीत के पीछे भी भाजपा के जनाधार का हाथ था। उन्होंने दावा किया कि जनता ने दोनों दलों को बहुमत दिया था, ये बहुमत जनता ने चुनावी बहुमत के साथ समर्थन के लिए दिया था। गौरतलब है कि शरद पवार ने खुद कहा था कि चुनावों में जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का बहुमत दिया है, तो अचानक ये बहुमत सत्ता में बैठने वाला कैसा हो गया। उन्होंने पार्टी पर लगाए जा रहे सवालों की बौछार का जवाब देते हुए काउंटर सवाल किया कि पार्टी पर लोकतंत्र की हत्या के आरोप लगाए जा रहे हैं, तो फिर शिवसेना 25 साल की दोस्ती और विश्वास को तोड़े तो उसे क्या कहेंगे।
रवि शंकर प्रसाद ने उल्टा शिवसेना पर लगाए पीठ में छुरा घोंपने के आरोप